हिंदी अनुवाद:
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को दुबारा से लाभान्वित करने के क्रम में, वित्त मंत्रालय चल रहे वित्तीय वर्ष समाप्त मार्च 2012 को पीएसयू बैंकों में 17,000 करोड़ रुपए की पूंजी निवेश पर लक्ष्य बना रहा है। यह कदम राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों को अपनी पूंजी की आवश्यकताओं को पूरा करने और उधार - कार्य को बढ़ाने में मदद करेगा। पिछले वित्त वर्ष 2010-11 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20,157 करोड़ रुपये की पूंजी निवेश का राग गया था।
बजट के प्रावधान 6,000 करोड़ रुपये से अधिक और ऊपर, मंत्रालय की संसद में चालू वित्त वर्ष के दौरान पीएसयू बैंकों में पूँजी लगाने के लिए पूरक मांगों के माध्यम से अतिरिक्त 12,000 करोड़ रुपये लेने की संभावना है। सरकार की पूँजी लगाने की पहल, जो पहले से ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए पर्याप्त पूंजी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध था अतः अपनी पूंजी टीयर-I को 8% पर बनाए रखने के लिए, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, और सिंडिकेट बैंक सहित देश की प्रमुख उधारदाताओं के लिए फायदेमंद साबित होने की संभावना है।
English Translation:
In order to recapitalize public sector banks, the Ministry of Finance is aiming at infusing capital worth Rs 17,000 crore into PSU banks in the ongoing fiscal year ending March 2012. The move will help state owned banks in meeting their capital requirements and enhancing lending operations. In the previous fiscal year 2010-11, the government had infused capital to the tune of Rs 20,157 crore into public sector banks.
Over and above the Budget provision of Rs 6,000 crore, the ministry is likely to seek additional Rs 12,000 crore through supplementary demands in Parliament for capital infusion in PSU banks during the current fiscal. The capital infusion initiative of the government, which had already committed to providing adequate capital to public sector banks so as to maintain their Tier-I capital at 8%, is likely to prove beneficial for nation’s major lenders including State Bank of India, Bank of Baroda, Union Bank of India, IDBI Bank, and Syndicate Bank.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को दुबारा से लाभान्वित करने के क्रम में, वित्त मंत्रालय चल रहे वित्तीय वर्ष समाप्त मार्च 2012 को पीएसयू बैंकों में 17,000 करोड़ रुपए की पूंजी निवेश पर लक्ष्य बना रहा है। यह कदम राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों को अपनी पूंजी की आवश्यकताओं को पूरा करने और उधार - कार्य को बढ़ाने में मदद करेगा। पिछले वित्त वर्ष 2010-11 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20,157 करोड़ रुपये की पूंजी निवेश का राग गया था।
बजट के प्रावधान 6,000 करोड़ रुपये से अधिक और ऊपर, मंत्रालय की संसद में चालू वित्त वर्ष के दौरान पीएसयू बैंकों में पूँजी लगाने के लिए पूरक मांगों के माध्यम से अतिरिक्त 12,000 करोड़ रुपये लेने की संभावना है। सरकार की पूँजी लगाने की पहल, जो पहले से ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए पर्याप्त पूंजी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध था अतः अपनी पूंजी टीयर-I को 8% पर बनाए रखने के लिए, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, और सिंडिकेट बैंक सहित देश की प्रमुख उधारदाताओं के लिए फायदेमंद साबित होने की संभावना है।
English Translation:
In order to recapitalize public sector banks, the Ministry of Finance is aiming at infusing capital worth Rs 17,000 crore into PSU banks in the ongoing fiscal year ending March 2012. The move will help state owned banks in meeting their capital requirements and enhancing lending operations. In the previous fiscal year 2010-11, the government had infused capital to the tune of Rs 20,157 crore into public sector banks.
Over and above the Budget provision of Rs 6,000 crore, the ministry is likely to seek additional Rs 12,000 crore through supplementary demands in Parliament for capital infusion in PSU banks during the current fiscal. The capital infusion initiative of the government, which had already committed to providing adequate capital to public sector banks so as to maintain their Tier-I capital at 8%, is likely to prove beneficial for nation’s major lenders including State Bank of India, Bank of Baroda, Union Bank of India, IDBI Bank, and Syndicate Bank.
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