हिंदी अनुवाद:
इंफ्रास्ट्रक्चर पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीआई) ने विभिन्न राज्यों में अपने प्रमुख कार्यक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी), चतुर्थ चरण के तहत 20,000 किमी सड़कों के उन्नयन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। परियोजना की अनुमानित लागत 25,000 करोड़ रुपये के आसपास होने की संभावना है। इससे पहले मंत्रिमंडल एनएचडीपी चरण IV अ के तहत सड़कों की 5,000 किमी की मंजूरी दी थी और इस के 2,000 किमी को मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह द्वारा 4 लेन वाले राजमार्ग बनाने के लिए अनुमोदित किया था। नए प्रस्ताव में साफ बताया कि अतिरिक्त 2000 किमी राजमार्गों को चार लेन में परिवर्तित किया गया।
सीसीआई ने भी 8525 किमी की सड़कों के निर्माण, टोल प्रणाली के चलाने और हस्तांतरण (बीओटी) के तहत जांच सूची के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मॉडल का निर्माण - परिचालन - अंतरण (बीओटी) एक व्यवस्था है जो निजी डेवलपर बनाता और सड़कों को संचालित करता है और फिर यह सरकार को स्थानातरित कि जाती है। परियोजनाओं में शामिल किसी भी जोखिम को निजी डेवलपर द्वारा वहन किया जाता है। इसमें दो प्रकार के बोट्स रिटर्न पर आधारित है - एक टोल पर आधारित है और अन्य सरकार की वार्षिकी भुगतान पर। टोल मॉडल का स्वयं वित्त पोषण वार्षिकी भुगतान के बजट पर एक बड़ी रूकावट के लिए अभिमान्य है। सरकार चाहती है कि बीओटी मॉडल में वृद्धि हो रही है राजकोषीय घाटे में कटौती के लिए इस्तेमाल किया जाये।
English Translation:
The Cabinet Committee on Infrastructure (CCI) has cleared a proposal to upgrade 20,000 km roads in various states under its flagship programme National Highways Development Project (NHDP), Phase IV. The estimated cost of the project is likely to be around Rs 25,000 crore. Earlier the Cabinet had approved 5,000 km of roads under NHDP phase IV A and of this, 2,000 km were approved by an Empowered Group of Ministers on highways to be 4-laned. The new proposal clears an additional 2000 km of highways to be converted to four lanes.
The CCI has also approved the proposal for tentative list of 8,525 km of roads under the build, operate and transfer (BOT) toll mode. The build-operate-transfer (BOT) model is an arrangement where the private developer builds and operates the roads and then transfers it to the government. Any risk involved in the projects is borne by the private developer. There are two types of BOTs based on returns- one based on tolls and the other on a government annuity payout. The self-funding toll model is preferred as annuity payments become a big drag on the budget. The government is keen that the BOT model be increasing used to cut down the fiscal deficit.
इंफ्रास्ट्रक्चर पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीआई) ने विभिन्न राज्यों में अपने प्रमुख कार्यक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी), चतुर्थ चरण के तहत 20,000 किमी सड़कों के उन्नयन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। परियोजना की अनुमानित लागत 25,000 करोड़ रुपये के आसपास होने की संभावना है। इससे पहले मंत्रिमंडल एनएचडीपी चरण IV अ के तहत सड़कों की 5,000 किमी की मंजूरी दी थी और इस के 2,000 किमी को मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह द्वारा 4 लेन वाले राजमार्ग बनाने के लिए अनुमोदित किया था। नए प्रस्ताव में साफ बताया कि अतिरिक्त 2000 किमी राजमार्गों को चार लेन में परिवर्तित किया गया।
सीसीआई ने भी 8525 किमी की सड़कों के निर्माण, टोल प्रणाली के चलाने और हस्तांतरण (बीओटी) के तहत जांच सूची के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मॉडल का निर्माण - परिचालन - अंतरण (बीओटी) एक व्यवस्था है जो निजी डेवलपर बनाता और सड़कों को संचालित करता है और फिर यह सरकार को स्थानातरित कि जाती है। परियोजनाओं में शामिल किसी भी जोखिम को निजी डेवलपर द्वारा वहन किया जाता है। इसमें दो प्रकार के बोट्स रिटर्न पर आधारित है - एक टोल पर आधारित है और अन्य सरकार की वार्षिकी भुगतान पर। टोल मॉडल का स्वयं वित्त पोषण वार्षिकी भुगतान के बजट पर एक बड़ी रूकावट के लिए अभिमान्य है। सरकार चाहती है कि बीओटी मॉडल में वृद्धि हो रही है राजकोषीय घाटे में कटौती के लिए इस्तेमाल किया जाये।
English Translation:
The Cabinet Committee on Infrastructure (CCI) has cleared a proposal to upgrade 20,000 km roads in various states under its flagship programme National Highways Development Project (NHDP), Phase IV. The estimated cost of the project is likely to be around Rs 25,000 crore. Earlier the Cabinet had approved 5,000 km of roads under NHDP phase IV A and of this, 2,000 km were approved by an Empowered Group of Ministers on highways to be 4-laned. The new proposal clears an additional 2000 km of highways to be converted to four lanes.
The CCI has also approved the proposal for tentative list of 8,525 km of roads under the build, operate and transfer (BOT) toll mode. The build-operate-transfer (BOT) model is an arrangement where the private developer builds and operates the roads and then transfers it to the government. Any risk involved in the projects is borne by the private developer. There are two types of BOTs based on returns- one based on tolls and the other on a government annuity payout. The self-funding toll model is preferred as annuity payments become a big drag on the budget. The government is keen that the BOT model be increasing used to cut down the fiscal deficit.
No comments:
Post a Comment