हिंदी अनुवाद :
मुद्रास्फीति की उच्च स्तर ने लोगों की किफा़यतो को कम किया है जिस कारणवश बैंकों के साथ जमाराशियों की वृद्धि में कमी आई है। इसके अलावा, लोगों ने बचत खातों के बजाय म्युचुअल फंड, सोना और संपत्ति में निवेश करना पसंद किया है।
मुद्रास्फीति की उच्च स्तर ने लोगों की किफा़यतो को कम किया है जिस कारणवश बैंकों के साथ जमाराशियों की वृद्धि में कमी आई है। इसके अलावा, लोगों ने बचत खातों के बजाय म्युचुअल फंड, सोना और संपत्ति में निवेश करना पसंद किया है।
नवीनतम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जमाराशियों के रूप में वाणिज्यिक बैंकों के साथ 25 मार्च, 2011 पर 53.55 लाख करोड़ रुपये से 23 मार्च, 2012 पर 60.72 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि आई है। आंकड़ों से आगे पता चला है कि बैंक ऋण भी पिछले साल के 25 मार्च के तहत 40.60 लाख करोड़ रुपये के विरुद् 23 मार्च के अनुसार 17 % से अधिक होकर 47.54 लाख करोड़ रुपये हुआ है। अर्थव्यवस्था में मंदी और विदेशी प्रत्यक्ष निवेशों से बचत जमाराशियों की तुलना में म्यूचुअल फंड, सोना और संपत्ति जैसे विकल्पों को अधिक आकर्षक विकल्पों के रूप में देखा गया था।
English Translation :
The high level of inflation has impacted people's capacity to save which has led to a slower growth in deposits with banks. Also people have preferred to invest in mutual funds, gold and property rather than savings accounts. Consequently, the liquidity position remains tightened.
According to the latest data released by the RBI, deposits with commercial banks grew to Rs 60.72 lakh crore as on March 23, 2012 from Rs 53.55 lakh crore on March 25, 2011. The data further showed that bank loans also increased by over 17% to Rs 47.54 lakh crore as on March 23, against Rs 40.60 lakh crore on March 25 last year. With a slowdown in the economy combined with higher foreign direct investments, options like mutual funds, gold and property were seen as more lucrative options rather than savings deposits.
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