हिंदी अनुवाद:
नई दिल्ली: ऑटोमोटिव कंपोनेंट विनिर्माण एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) ने कहा कि ऑटो पुर्जा उद्योग में विकास दर घरेलू खपत में मंदी के कारण 2010-11 में रही 34% के मुकाबले 2011-12 में 12-15% की सीमा में स्थित रह सकती है|
पिछले वित्त वर्ष के दौरान घरेलू ऑटो क्षेत्र में 26% से वृद्धि हुई है| एसीएमए द्वारा आंकड़ों से पता चला है कि उद्योग ने 2010-11 में 1821 करोड़ रुपये (39.9 अरब अमरीकी डालर) का कारोबार किया था| 12-15% की वृद्धि का अनुमान वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के साथ बढ़ती इनपुट लागत और मजबूत ब्याज दरों की वजह से है|
English Translation:
NEW DELHI: The auto component industry growth to stay in the range of 12-15% in 2011-12 as against to 34% in 2010-11 due to the slowdown in domestic consumption, said the Automotive Component Manufactures Association of India (ACMA).
During the last fiscal year, the domestic auto sector has grown by 26%. The data by ACMA has showed that the industry had witnessed a turnover of Rs 1,821 crore (USD 39.9 billion) in 2010-11. The growth estimation of 12-15% is due to the uncertainty in the global markets along with the surging-input costs and strong interest rates.
नई दिल्ली: ऑटोमोटिव कंपोनेंट विनिर्माण एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) ने कहा कि ऑटो पुर्जा उद्योग में विकास दर घरेलू खपत में मंदी के कारण 2010-11 में रही 34% के मुकाबले 2011-12 में 12-15% की सीमा में स्थित रह सकती है|
पिछले वित्त वर्ष के दौरान घरेलू ऑटो क्षेत्र में 26% से वृद्धि हुई है| एसीएमए द्वारा आंकड़ों से पता चला है कि उद्योग ने 2010-11 में 1821 करोड़ रुपये (39.9 अरब अमरीकी डालर) का कारोबार किया था| 12-15% की वृद्धि का अनुमान वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के साथ बढ़ती इनपुट लागत और मजबूत ब्याज दरों की वजह से है|
English Translation:
NEW DELHI: The auto component industry growth to stay in the range of 12-15% in 2011-12 as against to 34% in 2010-11 due to the slowdown in domestic consumption, said the Automotive Component Manufactures Association of India (ACMA).
During the last fiscal year, the domestic auto sector has grown by 26%. The data by ACMA has showed that the industry had witnessed a turnover of Rs 1,821 crore (USD 39.9 billion) in 2010-11. The growth estimation of 12-15% is due to the uncertainty in the global markets along with the surging-input costs and strong interest rates.